अष्ट लक्ष्मी मंत्र साधना

अष्ट लक्ष्मी: मंत्र साधना से  करोड़पति बनें अष्ट लक्ष्मी बीज मंत्र जो महालक्ष्मी ने इंद्र को दिया था। यह अष्टलक्ष्मी साधना देवी महालक्ष्मी ने इंद्र को समग्र समृद्धि और स्वर्ग का राज्य प्राप्त करने के लिए बताई थी।
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ये अटल सत्य है “धन” को ईश्वर का दर्जा प्राप्त है।परिश्रम तो सभी करते हैं,लाख परिश्रम के बाद भी धन की कमी,पैसे की तंगी,दरिद्रता का नाश करने हेतु यह एक अचूक व टेस्टेड प्रयोग है।तंत्र जगत के क्षेत्र में यह साधना काफी प्रचलित है,जिन भी साधकों ने यह साधना किया उन्हें प्रचंड लाभ प्राप्त हुआ है,यह बार बार आजमाया हुआ है।भाग्य में यदि धन न हो तो भी यह साधना धन आने के अनेक गुप्त मार्गों को खोल देती है,यही तो विज्ञान है,बीज मंत्र ब्रम्हाण्ड के कोड हैं बस आवश्यकता है इन्हें जागृत(एक्टिवेट)करने की।

विष्णु पुराण में बताया गया है कि सुबह के 2 शुभ समय का उपयोग सपनों को पूरा करने और प्रचुरता प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
🟥पहला शुभ समय सूर्योदय से पहले सुबह 5:23 बजे से लेकर 5:31 बजे तक है. लक्ष्मी साधना करने का दूसरा शुभ समय प्रातः 5:48 बजे से प्रातः 5:49 बजे तक है। 20 मिनट की साधना किसी भी साधक का जीवन कुछ ही दिनों में बदल सकती है।
अष्टलक्ष्मी जो धन के आठ स्रोतों की अध्यक्षता करती हैं। अष्ट-लक्ष्मी के संदर्भ में “धन” का अर्थ समृद्धि, अच्छा स्वास्थ्य, ज्ञान, शक्ति, संतान और शक्ति है।
लक्ष्मी के आठ रूप हैं महा लक्ष्मी, धन लक्ष्मी, ऐश्वर्य लक्ष्मी, सौभाग्य लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी, राज्य लक्ष्मी, विजय लक्ष्मी, विद्या लक्ष्मी।
🟥आगे देवी लक्ष्मी ने इंद्र से कहा कि शुभ समय में साधक को अष्ट लक्ष्मी बीज मंत्रों का जाप करना चाहिए।
🟥स्नान करने के बाद भस्रिका, प्राणायाम और त्राटक करने के बाद ही साधना करनी चाहिए। साधना करते समय 5 और बातें ध्यान में रखनी चाहिए.

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धनवान बनने के लिए अष्ट लक्ष्मी बीज मंत्र का जाप कैसे करें➖


🌹आसन सफेद होना चाहिए।
🌹वस्त्र सफेद या पीला होना चाहिए।
🌹साधक का मुख उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
🌹पूजा स्थान पर अष्ट लक्ष्मी यंत्र रखें।
🌹शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
🌹मोह और क्रोध से मुक्त हो जाओ।
🌹मंत्र का जाप स्फटिक या क्रिस्टल माला से अष्ट लक्ष्मी यंत्र के सामने ही  किया जाना चाहिए ।

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अष्टलक्ष्मी तंत्रोक्त मंत्र

ऐन्ग् ह्रींन्ग् श्रीन्ग् हुम् यं श्रीन्ग् श्रौन्ग् श्रं नमः ।

“Aing Wreeng Sreeng Hoom Yam Shreeng Shrong Shram Namah:”

Lakshmi Yantra Mala

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